Tuesday, December 6, 2011

श्रद्धांजलि to Star of Romance DEV ANAND


श्रद्धांजलि 

मेरा कौन था वो
क्या नाता था
जो जाते जाते रुला गया 
मेरा मीत नहीं
मेरा गीत नहीं 
मेरे दिल में फिर भी समां गया

वो नूर का सच्चा बंद था
वो प्रेम का दीप जलाता था
जब नूर के साथ चमकता था
तब नूर भी शर्माता था

ग़म उसका सजदा करते थे
उल्फ़त के गीत सुनाता था
जीवन से प्रीत निभाने का
वो सबको पाठ पढ़ता था

प्रियतम उसके सजदे में था
वो रोक न पाया अब ख़ुद को
यम उसके सजदे में था 
वो चला गया है सत पथ को

न भाई था, न बन्धु वो
न उस्से रक्त का नाता था
वो साज़ है मेरी धड़कन का
वो लहू में गीत बहता था  । 
                                                        ------   संकल्प सक्सेना