जब इक दौर से गुज़रता हूँ
क्यूँ लगता सब तरफ़ इतना शोर
जब दौर गुज़र जाता है
होता सन्नाटा चरों ओर
फिर शोर मचाती हैं यादें
और गुज़रे तन्हाई का दौर
देख रहा हूँ दस्तक देता
देख रहा हूँ दस्तक देता
चला आ रहा नया दौर ।
____संकल्प सक्सेना ।
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