दिल की क़लम से
Thursday, May 24, 2012
मुझे बदला और ख़ुद बदल गए,
जाने ज़िन्दगी में कितने दर्द भर गए
आज भी प्यार से पुरनम घड़ियों का इंतज़ार है,
न वो हैं, न उनके साए हैं ।
____ संकल्प सक्सेना ।
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