दिल की क़लम से
Friday, March 15, 2013
हम तो वो मोती हैं ,
जो कहीं गहराई लिए बैठे हैं
सीप की नर्म बाहों में,तन्हाई लिए बैठे हैं।
__संकल्प सक्सेना 'लवि'।
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