मेरे सभी मित्रों को दीपावली कि हार्दिक शुभकामनाएं। आप सभी का नव वर्ष मंगलमय हो।
दीपों कि सौगात
दीपों कि लड़ी नयनों में सजी
कजरा मावस कि रात
चांदी जैसा मुखड़ा दमके
ज्यों पूनम कि रात।
वो तन्हाई, वो वीराने
तिमिर में कहीं खो गए
नैनों से जब नैन मिलाये
दीपों कि सौगात।
चांदी जैसा मुखड़ा दमके
ज्यों पूनम कि रात।
शमा जली परवाने आये
प्रेम गीत पे लौ इतराए
बाति बने प्रेम की साथी
दीपों कि सौगात।
चांदी जैसा मुखड़ा दमके
ज्यों पूनम कि रात।
नूर नयन से धुली फ़िज़ायें
'मुरीद' हुए तेरे रूप के साये
तेरी राह चलें हैं अब तो
दीपों कि सौगात।
चांदी जैसा मुखड़ा दमके
ज्यों पूनम कि रात।
__ संकल्प सक्सेना 'मुरीद'।
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