Thursday, October 8, 2015


फ़नकार के हुनर में, तो कुछ और बात होती है 
वो आशिक़ी में डूबे, तो कुछ और बात होती है ।।

चांदनी तो तारों से भी होती है 
वहाँ चाँद आ जाए, तो कुछ और बात होती है ।।

कोई इन्सां इश्क़ से नहीं महरूम 
साथ जवानी हो, तो कुछ और बात होती है ।।

सागर -ओ- मीना की प्यास सबको है 
साथ साक़ी हो, तो कुछ और बात होती है ।।

चला तो हर 'मुरीद' है, मंज़िल की तरफ़ 
आँखों से बह चले, तो कुछ और बात होती है ।।
                                       __संकल्प सक्सेना 'मुरीद' ।