Friday, January 4, 2019



जो लुटाने की दौलत मेरे पास है
वो लुटाने की दौलत तेरे पास है
प्यार करता रहूँ, प्यार मिलता रहे
सब ज़माने की दौलत मेरे पास है।

दिल से सागर हैं हम डूब जाओगे तुम
ये नज़र का निशाना मेरे पास है
चंद सिक्कों कि ख़ातिर न बिकता कभी
वो ज़मीरी ख़ज़ाना मेरे पास है।

हम को भाएँ फ़कीर,
वो हैं शाह ए अमीर
उन दुआओं का शजरा मेरे पास है
तुम जो आये कभी तो चढ़ा देंगे रंग
ऐसा रंगीन लहज़ा मेरे पास है।

कल चले जाएंगे, राख़ हो जाएंगे
हम धुआं बनके बादल से चिल्लाएंगे
मेरी मैं जल गई , आत्मा मिल गई
अब तो तू भी लुटा, जो तेरे पास है।

हम मुरीदों की दुनिया में आये हो तुम 
इश्क़ के हर्फ़ से स्वर्ग बनता यहां
और बहती है गंगा सदा प्यार की
तू लुटा दे, जो बूंदें तेरे पास हैं।
                                               © संकल्प सक्सेना 'मुरीद'।
                                              23/10/2018 10:35 AM

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