Friday, January 4, 2019

इतना तो तेरे इश्क़


इतना तो तेरे इश्क़ ने, मुझको सिखा दिया 
जलने में है मज़ा, ये सबको बता दिया। 

कितनी वफ़ा मिलेगी, वफ़ा के जवाब में
उसने चला के तीर, नज़र से जता दिया। 

आइना देखकर वो कभी, मुस्कुरा दिए 
मैंने भी बिखर के, उन्हें जीना सीखा दिया। 

नैनों की रहगुज़र जो कभी रूबरू हुए 
अश्क़ों ने उन्हें हर ख़ुशी से फिर मिला दिया। 

छलके वो मेरी आँख से , ‘मुरीद’ हो गए 
प्यालों ने भी साक़ी को, रिंदाँ बना दिया। 
                                                                  _ संकल्प सक्सेना 'मुरीद'।

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