Friday, January 4, 2019

रेल

रेल

ज़िन्दगी की रेल, चल तो रही है 
मंज़िल कहाँ है, पता नहीं है।

कई नगर आते जाते हैं 
कई लोग घर कर जाते हैं 
मन का गार्ड हरी झंडी दे 
सिग्नल हुआ, चला करती है।

कई लाल सिग्नल आते हैं
ख़तरे के सूचक, आते हैं 
प्रारब्ध के हैं खेल निराले 
जो ना समझे, तो पछताते हैं।

पैन्टोग्राफ़ की माया है सब 
जब तक जुड़ा हुआ शक्ति से,
तभी तलक ये सफ़र रहेगा 
जब तक ईंधन बना रहेगा।

वरना जर्नी पूरी होगी 
मंज़िल पे गाड़ी पहुंचेगी 
सभी लोग पीछे छूटेंगे 
रेल की पटरी वहीं रहेगी।

इंजन नहीं मरा करते हैं 
बस 'मुरीद' बदला करते हैं 
फिर से कोई नए सफर पर 
साथी नए बना करते हैं। 
                                        __संकल्प सक्सेना 'मुरीद' ।

Pantograph: a jointed framework conveying a current to a train, tram, or other electric vehicle from overhead wires.

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