डूब चुका है, दिन का तारा
डूब गई है शाम
डूब रहा है, ये मन मेरा
कब आओगे श्याम
कब आओगे श्याम।
टिम टिम करते तारे आए
झिलमिल दीपक हैं
मन मंदिर में, दीप जलाओ
आएंगे घनश्याम।
सांझ की इस पावन बेला में
सुमिरन करलो नाम
गीत हमारे, धुन मुरली की
आएंगे घनश्याम।
दिन जीवन सा, सांझ है जाना
करलो पूरण काम
वर्ना चादर मैली होगी
जब आएंगे श्याम।
__संकल्प सक्सेना 'मुरीद'।
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